कुल्लू के राजा जगत सिंह ने ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त होने के लिए वर्ष 1650 में योद्धा से भगवान रघुनाथ की मूर्ति कुल्लू में स्थापित करवाई थीl तभी से राजा जगत सिंह द्वारा अपना राजपाट भगवान रघुनाथ को सौंप कर छड़ीबरदार के रूप में उनकी सेवा करने का संकल्प लिया थाl तब से कुल्लू के ढालपुर मैदान में दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाता हैl Ref.18A01
एसजेवीएन (SJVN) की कार्मिक निदेशक किसे नियुक्त किया गया है – गीता कपूर Ref.18J02
शिव भक्त रावण की तपोस्थली के रूप में विश्व विख्यात बैजनाथ में रावण के दहन को पाप समझा जाता हैl पिछले करीब 40 वर्षों से अधिक समय से यहां रावण का दहन नहीं किया गयाl माना जाता है कि भगवान शिव अपने सामने अपने प्रिय भक्त रावण का दहन किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकतेl Ref.18J02