विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग 115 साल का हो गया है। 9 नवंबर 1903 को कालका- शिमला रेल मार्ग की शुरूआत हुई थी। अपने 115 वर्षों के सफर में यह रेलमार्ग कई इतिहास संजोए हुए है। 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग कालका स्टेशन (656 मीटर) से शिमला (2,076 मीटर) तक जाता है। 96 किमी. लंबे इस रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है। कालका-शिमला रेलमार्ग को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी। कालका-शिमला रेलवे लाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। Ref.10A
सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी में हुए 6000 करोड़ रुपये के कर कर्ज घोटाले में सीआइडी ने कंपनी के जीएम (प्रोडक्शन) टीएस बिस्वाल को गिरफ्तार किया है। Ref.10A
हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई राहें-नई मंजिलें योजना के तहत पहला चरण शुरू हो गया है। पहले चरण की शुरुआत में शिमला से करीब 15 किलोमीटर दूर कुफरी में साहसिक रैली को पर्यटन निगम के उपनिदेशक सुरेंद्र जस्टा ने हरी झडी दिखाकर रवाना किया। Ref.10A
कालका-शिमला हैरिटेज ट्रैक पर चलने वाली टॉय ट्रेन अब शिमला एक्सटेंशन तक जाएगी जहां बाबा भलकू रेल संग्रहालय है। रेल मंत्रालय से इस संबंध में मंजूरी मिल गई है। कालका-शिमला रेलवे ट्रैक के विश्व धरोहर घोषित होने के नवंबर में दस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य पर शिमला एक्सटेंशन तक रेल सेवा शुरू कर दी जाएगी। Ref.10A